पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सरकार की नवीन पहल

राजनांदगांव । नगरीय ठोस अपशिष्ट से कंप्रेस्ड बायोगैस उत्पादन के लिये मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण, गेल इंडिया लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम के अलावा प्रदेश के 6 नगर निगमों के बीच ऐतिहासिक त्रियपक्षीय एमओयू हुआ। एमओयू के दौरान उप मुख्यमंत्री व नगरीय प्रशासन मंत्री अरूण साव सहित मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद व डॉ. बसवराजु एस तथा गेल इंडिया, बीपीसीएल, छत्तीसगढ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण के अधिकारी और नगरीय प्रशासन व विकास विभाग के अधिकारी एवं 6 नगर निगम के अधिकारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय जी ने कहा कि छत्तीसगढ के विकास में आज एक नई कडी जुड रही है। छत्तीसगढ में सतत योजना के अंतर्गत नगरीय ठोस अपश्ष्टि से कंप्रेस्ड बायोगैस उत्पादन की दिश हम तेजी से आगे बड रहे है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्वच्छ भारत मिशन के तहत अब प्रदेश में स्वच्छता को लेकर बेहतर काम हो रहे है। नगरीय निकायो मंे इस संयंत्र की स्थापना से शहरों को स्वच्छ सुंदर बनाने का हमारा संकल्प पूरा होगा। उन्होंने कहा कि जैव इंधन के रूप में बायोगैस के उत्पादन से हमारी ऊर्जा की आवश्यकता भी पूरी होगी और वेस्ट टू एनर्जी की परिकल्पना भी सकार होगी। उन्होंने एमओयू में शामिल सभी संस्थाओं से संयंत्र स्थापना के कार्य को समयबद्ध रूप में करने को कहा। इस एमओयू से पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता जैसे बड़े उद्देश्य की पूर्ति के साथ साथ रोजकार भी सृजित होगे।
उप मुख्यमंत्री व नगरीय प्रशासन मंत्री श्री साव ने कहा कि प्रधानमंत्री माननीय मोदी जी के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता और वेस्ट टू वेल्थ की दिशा में बड़े निर्णय लिये गये है। प्रदेश में स्वच्छता को लेकर लगातार अभियान चलाया जा रहा है, हमारा लक्ष्य है कि नगर स्वच्छ सुंदर और सुविधापूर्ण बने। भारत सरकार के प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ एमओयू से यह कार्य गुणवत्ता के साथ पूर्ण होगा।
इस एमओयू के माध्यम से 6 नगर निगमों में नगर निगम अंबिकापुर, रायगढ़, कोरबा और सीबीडीए एवं गेल इंडिया लिमिटेड के बीच तथा नगर निगम बिलासपुर, राजनांदगांव, धमतरी और सीबीडीए व भारत पेट्रलियम कार्पोरेशन लिमिटेड के बीच समझौता हुआ। इसमें 6 नगर निगमों के लगभग 350 मीट्रिक टन, प्रतिदिन नगरीय ठोस अपशिष्ट एवं लगभग 500 मीट्रिक टन अधिशेष बायोमास का उपयोग जैव इंधन उत्पादन के लिये किया जायेगा। इस 6 संयंत्रों से प्रतिदिन लगभग 70 मीट्रिक टन कंप्रेस्ड बायोगैस का उत्पादन होगा। इन परियोजनाओं में लगभग 600 करोड रूपये का निवेश पूर्ण रूप से जीएआईएल और बीपीसीएल द्वारा किया जायेगा, इसी प्रकार संयंत्रों से होने वाले उत्पादन और बिक्री से राज्य को प्रतिवर्ष 6 करोड रूपये का जीएसटी प्राप्त होगा।
कलेक्टर व प्रशासक संजय अग्रवाल के मार्ग दर्शन एवं निगम आयुक्त अतुल विश्वकर्मा के नेतृत्व में राजनांदगांव के लिये बोईरडीह में कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट लगाया जायेगा। प्लांट लगने से इस क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलेगा। प्लांट में प्रतिदिन निगम सीमाक्षेत्र से संग्रहित लगभग 25 टन गीला कचरा दिया जायेगा तथा गीला कचरा व आस पास के गांव के पराली को प्लांट में डालकर कंप्रेस्ड बायोगैस बनाया जायेगा।  इससे निकलने वाले वेस्ट को जैविक खाद के रूप में जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाने उपयोग किया जायेगा तथा गैस का उपयोग इंधन के रूप में किया जायेगा। निगम द्वारा स्वच्छता दीदीयों के माध्यम से गीला कचरा हर घर से अनिवार्य रूप से लेकर संग्रहण कर बायोगैस प्लांट में भेजा जायेगा।

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